आपका परिचय

शनिवार, 29 सितंबर 2012

239. मधुर गंजमुरादाबादी

मधुर गंजमुरादाबादी  (वास्तविक नाम मदन मोहन शुक्ल)





जन्म :  1 फरवरी 1941। 

शिक्षा :  एम.ए. (समाजशास्त्र)। 

लेखन/प्रकाशन/योगदान  :  मूलतः कवि। व्यंग्य, निबन्ध एवं बाल साहित्य में भी लेखन। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में नियमित प्रकाशन। मधुर जी के दादा जी स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी स्व. श्री गौरीशंकर शुक्ल महान कवि स्व. जगदम्बा प्रसाद मिश्र ’हितैषी’ के बाल सखा थे, सो हितैषी जी के लेखन एवं व्यक्तित्व से काफी प्रभावित एवं उनके व्यक्तित्व व कृतित्व पर मधुर जी ने पत्र-पत्रिकाओं में काफी लेख भी लिखे हैं। हितैषी जी की विचारधारा एवं उनके साहित्य के प्रचार-प्रसार हेतु आप ’हितैषी स्मारक सेवा समिति’ नामक संस्था के माध्यम से सक्रिय हैं।

सम्प्रति :  स्वास्थय शिक्षा अधिकारी के पद से सेवानिवृत होने के बाद समर्पित लेखन।

सम्पर्क :  अध्यक्ष : हितैषी स्मारक सेवा समिति, गंजमुरादाबाद-209869, जिला उन्नाव (उ.प्र.) 
                   मोबाइल   : 09451376763  


अविराम में प्रकाशन

मुद्रित अंक  :   जनवरी-मार्च 2012 अंक में लघु आलेख- ‘शहीदों की चिताओं पर....’ के रचनाकार।
                        जुलाई-सितम्बर 2012 अंक में काव्य रचना- ‘कहिए इन्कालाब’।

ब्लॉग संस्करण  :  जनवरी 2012 अंक में एक व्यंग्य काव्य रचना- ‘दमकल की राह ताकिए’।





नोट : १. परिचय के शीर्षक के साथ दी गयी क्रम  संख्या हमारे कंप्यूटर में संयोगवश  आबंटित  आपकी फाइल संख्या है. इसका और कोई अर्थ नहीं है।
२. उपरोक्त परिचय हमें भेजे गए अथवा हमारे द्वारा विभिन्न स्रोतों से प्राप्त जानकारी पर आधारित है. किसी भी त्रुटि के लिए हम क्षमा प्रार्थी हैं. त्रुटि के बारे में रचनाकार द्वारा हमें सूचित करने पर संशोधन कर दिया जायेगा। यदि रचनाकार अपने परिचय में कुछ अन्य सूचना शामिल करना चाहते हैं, तो इसी पोस्ट के साथ के टिपण्णी कॉलम में दर्ज कर सकते हैं। यदि किसी रचनाकार को अपने परिचय के इस प्रकाशन पर आपत्ति हो, तो हमें सूचित कर दें, हम आपका परिचय हटा देंगे।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें